6 मार्च, 2020 को चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एवं टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस संस्थान की शोध टीम द्वारा मस्तिष्क के रक्त वाहिकाओं के धमनी विस्फार (Aneurysms) के इलाज के लिए एक अभिनव इंट्राक्रैनियल फ्लो डाइवर्टर स्टेंट को विकसित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इंट्राक्रैनियल धमनी विस्फार, मस्तिष्क में धमनियों की दीवार के कमजोर हो जाने के फलस्वरूप मस्तिष्क में धमनियां फूल जाती हैं, जिनके फूटने से मस्तिष्क के चारों ओर रक्तस्राव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप सबरैचोनाइड हैमरेज (Subrachnaid hemorrhage) नामक स्थिति पैदा होती है, जिससे लकवा, कोमा या मृत्यु हो सकती है।
नई तकनीक उद्योग में स्थानांतरित करने हेतु तैयार है। इस स्टेंट का परीक्षण मानव एवं अन्य जंतुओं पर किया जा रहा है।
इस प्रणाली में रक्त प्रवाह को बाई-पास या डाइवर्ट करने के लिए एक फ्लो डाइवर्टर स्टेंट लगाया जाता है, जिससे रक्त प्रवाह के दबाव के कारण धमनी के फटने की संभावना कम हो जाती है।
इस डाइर्वटर की विशेषता यह है कि इसकी बनावट ऐसी है कि 180o मुड़ने पर भी इसकी गुहा (नली) खुली रहती है तथा इसे दीवार पर बेहतर पकड़ बनाने हेतु डिजाइन किया गया है, जिससे डिवाइस के प्रवास का जोखिम कम-से-कम हो।
वर्तमान में फ्लो डाइवर्टर स्टेंट भारत में निर्मित नहीं होते हैं। इन्हें आयात करना पड़ता है, जिसकी कीमत 7-8 लाख रुपये है।
6 मार्च, 2020 को हाल में निम्न में से किस चिकित्सा विज्ञान संस्थान द्वारा धमनी विस्फार (Aneurysms) के इलाज हेतु फ्लो डाइवर्टर स्टेंट को विकसित किया गया है?
(a) बंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, बंगलोर
(b) आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज नई दिल्ली
(c) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज, बी.एच.यू., वाराणसी
(d) श्री चित्रा थिरुनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम
उत्तर-(d)